चित्रकूट। लालापुर गांव में स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम में महर्षि वाल्मीकि की मूूर्ति में दरार आने और इसे बचाने के लिए लीपापोती करने के मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। डीएम ने शासन को पत्र लिखा तब राज्य ललित कला अकादमी की निदेशक ने निर्माण एजेंसी को फटकार लगाई। निर्देश दिए कि जल्द मूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्ट घोषित किया जाएगा। साथ ही नुकसान की वसूली भी की जाएगी।
लालापुर में 12.5 फीट महर्षि वाल्मीकि की 19.95 लाख से निर्मित मूर्ति में दरार आ गई है। अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसे लेकर सपा नेताओं ने भाजपा कार्यकाल में निर्माण में भ्रष्ट्राचार को लेकर तंज कसा। सपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनुज यादव ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। धार्मिक निर्माण कामों में ऐसी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इसे लेकर डीएम शिवशरणप्पा ने जिला पर्यटन अधिकारी अनुपम श्रीवास्तव से रिपोर्ट मांगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश के राज्य ललित कला अकादमी को रिपोर्ट भेजी गई।
आश्रम में करीब 12 फीट ऊंची महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति
झांसी-मीरजापुर हाईवे किनारे स्थित आश्रम में करीब 12 फीट ऊंची महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति लगाई गई है। इसका निर्माण ललित कला अकादमी लखनऊ ने मध्य प्रदेश इंदौर के मेसर्स प्रस्तुति शिल्पकार महेंद्र कोटवानी से कराया है। चार मार्च 2024 को वर्चुअल रूप से मूर्ति का अनावरण किया गया था। आश्रम के महंत भरतदास ने बताया कि मूर्ति के पीछे दो तीन जगह दरारें आ गई हैं।
अकादमी की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला ने इस मूर्ति की गुणवत्ता की जांच भूतत्व खनिकर्म निदेशालय से कराने के लिए कहा गया है। धातु मिश्रण जांच का कार्य जल्द पूरा होगा। उधर डीएम ने कहा कि मूर्ति निर्माण में लापरवाही मिली तो निर्माण कराने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
कंपनी को केवल 50% भुगतान किया गया
पर्यटन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस मूर्ति का निर्माण मेसर्स प्रस्तुति शिल्पकार इंदौर ने किया था और यह पांच धातुओं के मिश्रण से बनी है। अधिकारी का कहना है कि मूर्ति में दरार आने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें आसपास लगाए गए पत्थरों और रेलिंग से होने वाला वाइब्रेशन भी शामिल हो सकता है। फिलहाल कंपनी को केवल 50% भुगतान किया गया है और शेष राशि जांच रिपोर्ट के बाद ही दी जाएगी।