सीकर: राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर इलाके में सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे 3 सफाईकर्मियों की दम घुटने से मौत हो गई। एक को बचाने के लिए उसके दो साथी टैंक में उतरे थे। घटना सीकर के फतेहपुर के सरदारपुरा इलाके में मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे की है।
स्थानीय निवासी प्रदीप हटवाल ने बताया- हादसे में जान गंवाने वाले सज्जन (30), मुकेश (35) और महेंद्र (38) है। तीनों अपने घर में इकलौते कमाने वाले थे। सज्जन के एक लड़का एक लड़की है। मुकेश के तीन बेटियां हैं। वहीं महेंद्र के दो बेटियां और दो बेटे हैं।
प्रदीप ने कहा- एक मजदूर 20 फीट गहरे टैंक में नीचे उतरकर सफाई कर रहा था। इस दौरान वह बेहोश हो गया। उसके दो साथी बचाने के लिए अंदर गए, लेकिन वे भी बेहोश हो गए। तीनों मजदूरों को बाहर निकालकर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना पर विधायक हाकम अली खान समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
बता दें कि, मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत सीवर टैंक की सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को उतारना पूरी तरह गैर-कानूनी है। इसमें प्रावधान है कि अगर विशेष परिस्थितियों में सीवरेज सफाई के लिए व्यक्ति को चैंबर में उतारा जाता है तो कुछ नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।
फतेहपुर एसएचओ सुभाष बिजारणियां ने बताया- आज शाम एलएनटी कंपनी की ओर से सीवरेज के टैंक की सफाई करवाई जा रही थी। घटना से वाल्मीकि समाज में रोष है। राजकीय हॉस्पिटल के बाहर भारी संख्या में लोग धरने पर बैठे गए। समाज के लोगों ने तीनों मृतकों के आश्रितों को एक-एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने की मांग रखी।
सीवरेज टैंक की सफाई का कानून
सफाई कर्मचारियों के लिए मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 बनाया गया है। जिसके अनुसार जो कर्मचारी सीवर में उतरेगा उसका 10 लाख का बीमा होना चाहिए। कर्मचारी से काम की लिखित स्वीकृति जरूरी है। सफाई से दो घंटे पहले सीवर का ढक्कन खोला जाना चाहिए ताकि जहरीली गैस बाहर निकल जाएं। किसी प्रशिक्षित सुपरवाइजर की निगरानी में आक्सीजन सिलेंडर, मास्क जीवन रक्षक उपकरण के साथ ही कर्मचारी को सीवर में उतारेगा।