दिल्ली: शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने शास्त्री भवन, नई दिल्ली में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा (17 सितंबर-2 अक्टूबर 2024) के शुभांरभ के अवसर पर लगभग 100 सफाई कर्मचारियों को स्वच्छता किट वितरित करके सफाई मित्र सुरक्षा शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री के. संजय मूर्ति, अतिरिक्त सचिव आनंदराव वी. पाटिल और एस.के. बरनवाल तथा मंत्रालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में डॉ. मजूमदार ने स्वच्छता को हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग बनाने और इसे जन-भागीदारी पहल में बदलने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वच्छता को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे देश के हर कोने तक इसकी पहुंच बनी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे हर घर में शौचालय की व्यवस्था ने लाखों बच्चों को संक्रामक बीमारियों से बचाने में मदद की है। डॉ. मजूमदार ने प्रतीकात्मक तौर-तरीकों से आगे बढ़कर जीवन के हर क्षेत्र में स्वच्छता अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2014 में शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन इस वर्ष अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के अवसर पर स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2024 अभियान आज से 1 अक्टूबर तक चलाया जाएगा, जिसका विषय है “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता”। इस अभियान का समापन 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस समारोह के साथ होगा।
शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी उच्च शिक्षा संस्थान और स्वायत्त निकाय एसएचएस 2024 के तीन मुख्य स्तंभों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। पहला स्तंभ, स्वच्छता की भागीदारी, जन-भागीदारी, जागरूकता और इससे संबंधित गतिविधियों पर केंद्रित है। उच्च शिक्षा संस्थानों ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत पौधे लगाने, उनका नामकरण करने और उन्हें गोद लेने, स्वच्छता अभियान चलाने, स्वच्छता शपथ दिलाने, कचरे-से-कला/पोस्टर बनाने/स्लोगन प्रतियोगिताएं आयोजित करने और स्वच्छता पर जागरूकता अभियान चलाने जैसी गतिविधियों की योजना बनाई है।
दूसरा स्तंभ स्वच्छता लक्षित इकाई सम्मिलित संपूर्ण स्वच्छता है जिसमें जनभागीदारी के साथ व्यापक सफाई अभियान शामिल हैं। कुछ उच्च शिक्षा संस्थानों ने शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) द्वारा ब्लॉक स्तर पर पहचाने गए स्वच्छता परिवर्तन इकाइयों (सीटीयू) की जिम्मेदारी ली है जो ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के अनुरूप है; कई अन्यों ने शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में अपने स्वयं के सीटीयू की पहचान की है।
तीसरा स्तंभ सफाई मित्र सुरक्षा शिविर है, जिसके अंतर्गत सफाई मित्रों के लिए निवारक स्वास्थ्य जांच/जांच के लिए एकल खिड़की स्वास्थ्य और कल्याण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं और केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के साथ संपर्क को संभव बनाया जा रहा है। उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) ने स्वास्थ्य जांच शिविरों, सफाई मित्रों को सम्मानित करने के लिए कार्यक्रमों और सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच को सुलभ बनाने की योजना बनाई है।
उच्च शिक्षा संस्थान भी विभिन्न गतिविधियां चला रहे हैं जैसे-
• कॉलेज/छात्रावास कैंटीनों की सम्पूर्ण स्वच्छता: मूल जगहों पर ही अपशिष्ट पृथक्करण को लागू करना, अपव्यय को न्यूनतम करने के लिए रसोई क्षेत्र का नवीनीकरण करना, शून्य अपशिष्ट और सफाई में भागीदारी के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करना।
• पर्यावरण अनुकूल आपूर्ति और संकल्प: पुनरावर्तित पेन, पेंट और कैनवस जैसी पर्यावरण अनुकूल आपूर्ति के उपयोग को प्रोत्साहित करना, साथ ही इसे जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त करना।
• सार्वजनिक कला अभियान: स्वच्छता और स्थिरता का संदेश फैलाने के लिए भित्ति चित्र या सड़क कला जैसी सार्वजनिक कला परियोजनाएं विकसित करना।
• अपशिष्ट जागरूकता संबंधी नुक्कड़ नाटक: अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समुदायों में नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन करना।
• इस पखवाड़े के दौरान अब तक डीएचई और उसके संस्थानों द्वारा 138 गतिविधियों की योजना बनाई गई है। गतिविधियों की सूची संलग्न है।
• पिछले दशक में सीएफएचईआई/एबी ने डिजाइन चिंतन, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग और री-इंजीनियरिंग के माध्यम से स्वच्छता संबंधी हस्तक्षेपों के लिए प्रौद्योगिकी सीमा को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है।
• नवीन, कम लागत वाले स्वच्छता समाधानों की खोज की दिशा में, देश के अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) ने कई उल्लेखनीय परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से कई को स्वच्छता कार्य योजना (एसएपी) के तहत मंत्रालय द्वारा वित्त-पोषित किया गया है।
• आईआईटी रुड़की ने भूजल में आर्सेनिक और फ्लोराइड को साफ करने के लिए एक कम लागत वाला फिल्टर (कीमत 2,000 रुपये) बनाया है। यह फिल्टर सितंबर 2023 से हरिद्वार में नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास में उपयोग में है। दूषित पानी से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने के बाद 100 निवासियों को लाभ मिल रहा है।
• इस बीच, आईआईटी खड़गपुर ने एक बायो-इलेक्ट्रिक शौचालय विकसित किया है जो मानव अपशिष्ट के प्रबंधन के दौरान बिजली उत्पन्न करता है।
सफाई मित्र सुरक्षा शिविर
आज से सफाई मित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर में, एक चिकित्सक और स्त्री रोग विशेषज्ञ को समग्र स्वास्थ्य और फिटनेस पर बात करने के लिए नियुक्त किया गया है, खास तौर पर ये सफाई मित्रों द्वारा सामना किए जाने वाले व्यावसायिक खतरों के संदर्भ में और मासिक धर्म स्वच्छता में सर्वोत्तम उपायों के बारे में जागरूक करेंगे। सभी सफाई मित्रों के लिए तीन दिनों तक स्वास्थ्य जांच और परामर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे। विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और ऐसे अधिकारों का लाभ उठाने के लिए दस्तावेज़ीकरण की सुविधा के लिए सफाई कर्मचारियों का बेसलाइन सर्वेक्षण किया जाएगा।
पुनःप्रयोजन अपशिष्ट का उपयोग करके अपशिष्ट से कला की स्थापना
जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र प्लास्टिक शीट, एल्युमिनियम शीट, बेकार पड़े फर्नीचर और पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसी बेकार चीजों से कलाकृतियां बनाएंगे। यह कलाकृति शास्त्री भवन में एक प्रमुख स्थान पर प्रदर्शित की जाएगी। डॉ. मजूमदार ने इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों को स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता गान भी बजाया गया। सुरक्षा किट में शर्ट, टोपी, तौलिए, जूते, दस्ताने, मास्क और मिठाइयां शामिल हैं।
शास्त्री भवन परिसर का सौंदर्यीकरण और सेल्फी पॉइंट का निर्माण
परिसर के भीतर चुनिंदा स्थानों पर छात्र दीवार और शीट पेंटिंग करेंगे। फर्नीचर/उपकरण आदि फेंके जाने वाले जगहों को साफ करके सुंदर बनाया जाएगा और सेल्फी-पॉइंट में परिवर्तित किया जाएगा।
रेहड़ी पटरी वालों को जागरूक करना
मंत्रालय शास्त्री भवन के बाहर रेहड़ी पटरी लगाने वालों से संपर्क करेगा और उन्हें मूल जगहों पर ही कचरे को अलग करने और कचरा संग्रहण स्थल निर्धारित करने के बारे में शिक्षित करेगा। शास्त्री भवन के बाहर रंग-आधारित कचरा डिब्बे लगाए जाएंगे और विक्रेताओं तथा ग्राहकों को उचित कचरा निपटान प्रथाओं के बारे में जागरूक किया जाएगा।