हिमांचल प्रदेश: 10 फरवरी 2016 को हिमांचल प्रदेश बाल्मीकि कल्याण बोर्ड की प्रथम बैठक सम्मलेन कक्ष आर्मजडेल भवन में आयोजित की गई थी। जिसमें वाल्मीकि समाज के हिट में कई महत्पूर्ण सुधारात्मक निर्णय लिए गए। इसमें सबसे उल्लेखनीय यह निर्णय था की शिक्षण एवं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बनाये जाने वाले प्रमाण पात्र में जाति के कॉलम में महेतर, भंगी और चूहड़ा आदि व्यवसाय सूचक शब्दों को लिखा जाता था। जिसे अब बदल कर इन जातियों के स्थान पर वाल्मीकि लिखा जाने का निर्णय हुआ।
इस लिंक से उक्त निर्णय की पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड कर पढ़ी जा सकती है। http://esomsa.hp.gov.in/sites/default/files/Balmiki-45804731.pdf